नई दिल्ली। भारत एवं पाकिस्तान में तनाव कम होने के कारण सोमवार को अधिकांश दलहन में मिलों की खरीद कमजोर हुई, जिस कारण अरहर एवं उड़द तथा चना और मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान मूंग के दाम स्थिर हो गए।
बर्मा से आयातित उड़द एफएक्यू एवं एसक्यू के भाव में चेन्नई में कमजोर हो गए। उड़द एफएक्यू के भाव मई एवं जून शिपमेंट के 5 डॉलर नरम होकर 805 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ रह गए, जबकि इस दौरान एसक्यू उड़द के भाव 5 डॉलर कमजोर होकर 885 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ बोले गए। लेमन अरहर के भाव चेन्नई में मई एवं जून शिपमेंट के 795 डॉलर प्रति टन, सीएडंएफ पर स्थिर हो गए।चेन्नई में उड़द एसक्यू और एफएक्यू के दाम नरम हो गए हैं, हालांकि इस दौरान बर्मा में इसकी कीमत स्थिर हो गई। घरेलू बाजार में आयातित उड़द के भाव कमजोर हुए, जबकि देसी के दाम स्थिर हो गए। व्यापारियों के अनुसार उड़द की कीमतों में हल्की नरमी और भी बन सकती है क्योंकि दाल मिलें उड़द की खरीद जरूरत के हिसाब से ही कर रही है। बर्मा के साथ ही ब्राजील में नई उड़द का उत्पादन अनुमान ज्यादा है। उधर म्यांमार के निर्यातकों की बिकवाली बराबर बनी हुई है। आगामी दिनों में घरेलू मंडियों में जबलपुर लाइन से देसी उड़द की आवक बढ़ेगी, हालांकि खपत का सीजन होने के कारण उड़द दाल में मांग भी बनी रहने की उम्मीद है। दक्षिण भारत की दाल मिलों की खरीद भी उड़द में बनी रहने की उम्मीद। जानकारों के अनुसार जबलपुर और गुजरात की गर्मियों की फसल आने तक मौसम अनुकूल रहा तो आगे कीमतों पर दबाव बनेगा।
चेन्नई में लेमन अरहर के दाम स्थिर हो गए, जबकि बर्मा में इसकी कीमत स्थिर बनी रही। घरेलू बाजार में अरहर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार पिछले सप्ताह इसकी कीमतों में तेजी आई थी, क्योंकि भारत एवं पाक के बीच तनाव बढ़ा हुआ था। अत: स्टॉकिस्ट दाम तेज कर रहे थे। हालांकि खपत का सीजन होने के कारण अरहर दाल में मांग बनी रहने की उम्मीद है तथा उत्पादक राज्यों कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र में देसी अरहर की आवक पहले की तुलना में कम जरूर हुई है। चालू सीजन में महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर का उत्पादन अनुमान ज्यादा था, साथ ही बर्मा से लेमन अरहर का आयात बराबर बना रहने की उम्मीद है। केंद्र सरकार लगातार अरहर की कीमतों की समीक्षा कर रही है। इसलिए इसके भाव में अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।
चना के दाम दिल्ली में 125 रुपये कमजोर हुए हैं। व्यापारियों के अनुसार पिछले सप्ताह इसकी कीमतों में तेजी आई थी, लेकिन बढ़े दाम पर जहां मिलों की खरीद कमजोर हुई वहीं स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली देखी गई। अत: मौजूदा भाव में हल्की नरमी और भी बन सकता है। व्यापारियों के अनुसार उत्पादक राज्यों की मंडियों में चना की आवक पहले की तुलना में कम जरूर हुई है। लेकिन स्टॉकिस्टों की पास स्टॉक ज्यादा है। बारिश का सीजन शुरू होने के बाद चना की खपत बढ़ेगी, इसलिए आगामी दिनों में दाल मिलों की मांग बढ़ेगी। रबी सीजन में व्यापारी चना का उत्पादन अनुमान कम मान रहे हैं।
देसी मसूर के दाम 175 रुपये कमजोर हुए। इस दौरान आयातित मसूर की कीमतों में भी मंदा आया। जानकारों के अनुसार पिछले सप्ताह मिलों की पैनिक खरीद से मसूर के दाम तेज हुए थे, लेकिन बढ़े दाम पर मिलों की मांग का समर्थन नहीं मिल पाया। अत: स्टॉकिस्टों की मुनाफावसूली से इसके भाव में हल्की नरमी और आने का अनुमान है। हालांकि प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में मसूर की आवक पहले की तुलना में कम हुई है तथा चालू सीजन में मसूर का घरेलू उत्पादन अनुमान कम है। उधर कनाडा में फसल सीजन 2025-26 में मसूर का उत्पादन अनुमान ज्यादा होने का अनुमान है, जिससे आयात बना रहने से इसकी कीमतों पर दबाव बनेगा। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में मसूर का उत्पादन 18.17 लाख टन होने का अनुमान है।
मूंग के भाव अधिकांश उत्पादक मंडियों में स्थिर हो गए। जानकारों के अनुसार समर सीजन में मूंग की बुआई बढ़ी है, हालांकि समर मूंग की आवक एक महीने बाद बनेगी। व्यापारियों के अनुसार मध्य प्रदेश के प्रमुख मूंग उत्पादक क्षेत्रों खासकर नर्मदापुरम और इटारसी बेल्ट में पीला मोजेक रोग देखा गया है। हालांकि यह अभी शुरुआती स्तर पर है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में मूंग की आवक पहले की तुलना में कम हुई है। इसलिए मूंग की कीमतों में हल्की नरमी बन सकती है। वैसे भी उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक ज्यादा है। साथ ही सरकार भी केंद्रीय पूल से लगातार मूंग की बिकवाली कर रही है जबकि दाल मिलें मूंग की खरीद जरुरत के हिसाब से ही कर रही है।
चेन्नई में उड़द एफएक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि एसक्यू के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में उड़द एफएक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 7,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि एसक्यू के भाव 75 रुपये कमजोर होकर 8,025 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में उड़द एफएक्यू के भाव 100 रुपये कमजोर होकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
कोलकाता में उड़द एफएक्यू के भाव 50 रुपये घटकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
जयपुर में उड़द के बिल्टी भाव 7,000 से 7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए, जबकि इंदौर में बोल्ड उड़द के दाम 7,500 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।
चेन्नई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 100 रुपये कमजोर होकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 150 रुपये कमजोर होकर 7,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में लेमन अरहर के भाव शाम के सत्र में 75 रुपये कमजोर होकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
देसी अरहर के दाम कटनी एवं इंदौर तथा अकोला तथा सोलापुर के साथ ही जलगांव में कमजोर हुए, जबकि अन्य अधिकांश उत्पादक मंडियों में लगभग स्थिर बने रहे।
मुंबई में अफ्रीकी देशों से आयातित अरहर के भाव कमजोर हो गए। सूडान से आयातित अरहर का स्टॉक नहीं के बराबर है। इस दौरान गजरी अरहर के भाव 50 रुपये घटकर 6250 से 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मतवारा की अरहर के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 6,200 से 6,250 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सफेद अरहर के दाम 50 रुपये कमजोर होकर 6,550 से 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में देसी मसूर के बिल्टी के दाम 175 रुपये कमजोर होकर 6,850 से 6,875 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर के भाव 125 रुपये घटकर 5,975 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कांडला बंदरगाह पर मसूर के भाव 125 रुपये कमजोर होकर 5,975 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। हजिरा बंदरगाह पर मसूर के भाव 100 रुपये कमजोर होकर 6,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कनाडा की मसूर के दाम कंटेनर में 100 रुपये घटकर 6,200 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। पटना में देसी मसूर के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली में राजस्थान के बेस्ट चना के दाम 125 रुपये कमजोर होकर 5,875 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान मध्य प्रदेश के चना का व्यापार 125 रुपये घटकर 5,825 से 5,850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।
इंदौर में बोल्ड मूंग के भाव 8,300 से 8,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जयपुर में मूंग के बिल्टी भाव 7,100 से 8,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। जलगांव में चमकी मूंग के दाम 7,700 से 8,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए। अकोला में चमकी मूंग के दाम 8,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर हो गए।